दिल्ली: अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का फ़ैसला, क्रेडिट लेने के लिए आप और भाजपा में होड़.

 



दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के केंद्र सरकार के ऐलान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस फ़ैसले का स्वागत किया लेकिन इस फैसले के पीछे अपने और आम आदमी पार्टी के प्रयासों को भी याद दिलाया.


बुधवार को ही केंद्र सरकार ने दीवाली से ठीक पहले दिल्ली की 1797 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा की.


दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार के इस फ़ैसले को सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है. चूंकि यह फ़ैसला लाखों दिल्लीवासियों पर प्रभाव छोड़ने वाला है, इसलिए केंद्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार दोनों ही इसका क्रेडिट लेना चाह रहीं हैं.


केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "अगर बात क्रेडिट की है तो हम केंद्र सरकार को क्रेडिट देने के लिए तैयार हैं. चलिए मान लेते हैं कि सारा अच्छा काम उनके हिस्से और सारा ख़राब हमने किया है. हमारा मानना है कि अंत भला तो सब भला. अब बारी मिलकर लोगों को फ़ायदा पहुंचाने की है."


लेकिन अगले ही पल उन्होंने कहा, ''हम लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ रहे थे. इस फ़ैसले के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं.''


अनियमित कॉलोनियां यानि वो कॉलोनियां जो सरकारी ज़मीन, खेती की ज़मीन और ग्राम सभा की ज़मीन पर बनी हैं. इस फ़ैसले से अवैध कॉलोनियों में रहने वाले क़रीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक़ मिलेगा. दिल्ली में कुल 1797 अनियमित कॉलोनी हैं.


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक सरकारें बस चुनाव से पहले इन जगहों को नियमित करने के वादें करती थीं. लेकिन हमने इसपर तुरंत कार्रवाई शुरू की थी.


केजरीवाल ने कहा कि इस प्रस्ताव को उन्होंने 2015 में भेजा था और उसके बाद से लगातार दिल्ली सरकार केंद्र सरकार के संपर्क में थी. केजरीवाल का कहना है कि 24 जुलाई 2019 को उन्होंने इसके मसौदे पर अपने सुझाव भी दिए थे.


मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि इस काम में और देरी नहीं होनी चाहिए और लोगों को जब रजिस्ट्री मिल जाएगी लोग तभी मानेंगे कि उनकी कॉलोनी पक्की हुई है. वरना लोगों को लगेगा कि ये चुनाव से पहले किया गया एक वादा है जिसका कोई ठिकाना नहीं है.


केजरीवील ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि उन्होंने कॉलेनियों के नियमित होने का इंतज़ार किए बिना पाँच साल में छह हज़ार करोड़ रूपए इन कॉलोनी में निवेश करके पानी, सीवर, सड़क नालियां बनवाई हैं.